होली आयी होली आयी कर के बहाने अनेक
यार के घर पे जाने का और यार को घर पे बुलाने का
आया ये अवसर खूब नेक
होली पर यारो सब कुछ माफ होता है
जो पीता है वो जीता है
बाक़ी दुनिया में रखा क्या है
होली में यार हमारा सबसे हसीन लगता है
बिन लगाये गुलाल वो रंगीन दिखता है
पर हम भी ठहरे आशिक
यार के हमने ना जाने कहाँ कहाँ रंग और गुलाल लगा दिया
उसको अपनी बाहों में भर के
मानो जैसे सारा जहाँ हमने पा लिया
डर के मरने से अच्छा है
कुछ कर के नाम कमा जाओ
जो दिल की बात है कह दो
वरना बिन होली खेले ही अपने अपने घर जाओ
बुरा ना मानो होली है
इसका मतलब तो अब समझ जाओ
जिसको जिस से मिलना है
गुलाल रंग या पिचकारी ले कर
तुम उसके घर हो आओ
पर ध्यान रहे की तुम्हारे रंग से
उसकी दुनिया बेरंग ना ho जाए
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