Sunday, February 28, 2010

holi ke rang apnoke sang

होली आयी होली आयी कर के बहाने अनेक
यार के घर पे जाने का और यार को घर पे बुलाने का
आया ये अवसर खूब नेक
होली पर यारो सब कुछ माफ होता है
जो पीता है वो जीता है
बाक़ी दुनिया में रखा क्या है
होली में यार हमारा सबसे हसीन लगता है
बिन लगाये गुलाल वो रंगीन दिखता है
पर हम भी ठहरे आशिक
यार के हमने ना जाने कहाँ कहाँ रंग और गुलाल लगा दिया
उसको अपनी बाहों में भर के
 मानो जैसे सारा जहाँ  हमने पा लिया
डर  के मरने से अच्छा है
कुछ कर के नाम कमा जाओ  
जो दिल की बात है कह दो
वरना बिन होली खेले ही अपने  अपने घर जाओ
बुरा ना मानो होली है
इसका मतलब तो अब समझ जाओ
जिसको जिस से मिलना है
गुलाल रंग या पिचकारी ले कर
तुम उसके घर हो आओ
पर ध्यान रहे की तुम्हारे रंग से
उसकी दुनिया बेरंग ना ho  जाए

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