होली आयी होली आयी कर के बहाने अनेक
यार के घर पे जाने का और यार को घर पे बुलाने का
आया ये अवसर खूब नेक
होली पर यारो सब कुछ माफ होता है
जो पीता है वो जीता है
बाक़ी दुनिया में रखा क्या है
होली में यार हमारा सबसे हसीन लगता है
बिन लगाये गुलाल वो रंगीन दिखता है
पर हम भी ठहरे आशिक
यार के हमने ना जाने कहाँ कहाँ रंग और गुलाल लगा दिया
उसको अपनी बाहों में भर के
मानो जैसे सारा जहाँ हमने पा लिया
डर के मरने से अच्छा है
कुछ कर के नाम कमा जाओ
जो दिल की बात है कह दो
वरना बिन होली खेले ही अपने अपने घर जाओ
बुरा ना मानो होली है
इसका मतलब तो अब समझ जाओ
जिसको जिस से मिलना है
गुलाल रंग या पिचकारी ले कर
तुम उसके घर हो आओ
पर ध्यान रहे की तुम्हारे रंग से
उसकी दुनिया बेरंग ना ho जाए
Sunday, February 28, 2010
Saturday, February 27, 2010
कुदरत ने बख्शी जो चीजे
कुदरत ने बख्शी जो चीजे
इंसान ने मिलावट कर डाली
ये कैसी अजब खुदगर्जी है
ईमान में मिलावट कर डाली
जहां सोने चांदी की थी दुनिया
ना सोना रहा ना चांदी रही
पीतल में मिलावट कर डाली
कुदरत ने ..........
जहाँ दूध दही की नदिया थी
पानी में मिलावट कर डाली
ये कैसी अजब खुद गरजी है
इम्मान में मिलावट कर डाली
जहां गंगा यमुना सरस्वती थी बहती
वहां खून की नदिया कर डाली
कुदरत ने ..........
इंसान ने मिलावट कर डाली
ये कैसी अजब खुदगर्जी है
ईमान में मिलावट कर डाली
जहां सोने चांदी की थी दुनिया
ना सोना रहा ना चांदी रही
पीतल में मिलावट कर डाली
कुदरत ने ..........
जहाँ दूध दही की नदिया थी
पानी में मिलावट कर डाली
ये कैसी अजब खुद गरजी है
इम्मान में मिलावट कर डाली
जहां गंगा यमुना सरस्वती थी बहती
वहां खून की नदिया कर डाली
कुदरत ने ..........
Friday, February 19, 2010
hum ne kisi ki yaad me sapne kai sanjo liye
हम ने किसी की याद में
सपने कई संजो लिए
वो हमारे हुए न हुए
हम तो उनके हो लिए
चाहत में उनकी हम ने
न जाने क्या क्या कर डाला
हम उनके पीछे पीछे चले
और वो किसी के साथ हो लिए
हम ने किसी की याद में .......
भूल कर भी भुला न पाए उन की यादो को
याद जब भी उनकी आई
आँखों में आंसू अनेक आ गए
हम ने किसी की याद
में सपने कई संजो लिए
सपने कई संजो लिए
वो हमारे हुए न हुए
हम तो उनके हो लिए
चाहत में उनकी हम ने
न जाने क्या क्या कर डाला
हम उनके पीछे पीछे चले
और वो किसी के साथ हो लिए
हम ने किसी की याद में .......
भूल कर भी भुला न पाए उन की यादो को
याद जब भी उनकी आई
आँखों में आंसू अनेक आ गए
हम ने किसी की याद
में सपने कई संजो लिए
Tuesday, February 9, 2010
सपने तो सपने होते हैं यारो
चला एक दिन सवेरे सवेरे
बिना आँख खोले ही खोले
ना रास्ता ना मंजिल ही कोई
ना थी रोशनी ना आदमी ही कोई
पर चलता गया चलता गया
अपनी धुन में होकर सवार
जब मंजिल ना मिली
तो गया मैं हिम्मत हार
पर हिम्मत हार कर भी मैंने
हौसला ना छोड़ा
मंजिल थी दूर नहुत
पर मैं चलता ही चलता गया
चलते चलते सपने मे मैंने
एक इमारत थी पायी
पर जब आँख खुली तो सपना टूटा
हुई बहुत मायूसी क्योकि
जो इमारत सपने में मिली थी
वो हकीकत में रहने के काम ना आई
सपने तो सपने होते हैं यारो
ये बात समझ में मेरी आई
बिना आँख खोले ही खोले
ना रास्ता ना मंजिल ही कोई
ना थी रोशनी ना आदमी ही कोई
पर चलता गया चलता गया
अपनी धुन में होकर सवार
जब मंजिल ना मिली
तो गया मैं हिम्मत हार
पर हिम्मत हार कर भी मैंने
हौसला ना छोड़ा
मंजिल थी दूर नहुत
पर मैं चलता ही चलता गया
चलते चलते सपने मे मैंने
एक इमारत थी पायी
पर जब आँख खुली तो सपना टूटा
हुई बहुत मायूसी क्योकि
जो इमारत सपने में मिली थी
वो हकीकत में रहने के काम ना आई
सपने तो सपने होते हैं यारो
ये बात समझ में मेरी आई
Monday, February 1, 2010
मैं बेचारा प्यार का मारा
आँख खुली तो हुआ सवेरा
सांझ ढली तो रात
और किसी अपने के बिना
क्या दिन और क्या रात
और मज़ा तो तब है
जब दिन दिन ही रहे
और रात ही रात
प्यार में अक्सर ऐसा ही होता
सूना है हमने ये है राज़
पर मैं बेचारा मैं क्या जानू
प्यार में क्या क्या है होता
हमने तो जब प्यार है करना चाहा
नफरत के सिवा कुछ है ना पाया
पर उम्मीद पे दुनिया कायम है
हमने इस बात से अपने दिल को है समझाया
कभी ना कभी हमको भी मिलेगा
एक जीवन साथी प्यारा
सांझ ढली तो रात
और किसी अपने के बिना
क्या दिन और क्या रात
और मज़ा तो तब है
जब दिन दिन ही रहे
और रात ही रात
प्यार में अक्सर ऐसा ही होता
सूना है हमने ये है राज़
पर मैं बेचारा मैं क्या जानू
प्यार में क्या क्या है होता
हमने तो जब प्यार है करना चाहा
नफरत के सिवा कुछ है ना पाया
पर उम्मीद पे दुनिया कायम है
हमने इस बात से अपने दिल को है समझाया
कभी ना कभी हमको भी मिलेगा
एक जीवन साथी प्यारा
हमदम ना मिला
हम हम से गये, हमदम के लिए
हमदम ना मिला, हम सब से गये
हम सब से गए
पर हमदम ना मिला अपने लिए
हमदम की वजह
हम कर ना सके कुछ अपने लिए
कुछ करना चाहा जब हमदम ने मेरे लिए
हम शर्म के मारे कुछ कह ना सके
और अब हमको हमदम मिले
तो क्या मिले
जब दुनिया को हम
अपना हमदम सौप चले
हमदम ना मिला, हम सब से गये
हम सब से गए
पर हमदम ना मिला अपने लिए
हमदम की वजह
हम कर ना सके कुछ अपने लिए
कुछ करना चाहा जब हमदम ने मेरे लिए
हम शर्म के मारे कुछ कह ना सके
और अब हमको हमदम मिले
तो क्या मिले
जब दुनिया को हम
अपना हमदम सौप चले
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