Saturday, February 27, 2010

कुदरत ने बख्शी जो चीजे

कुदरत ने बख्शी जो चीजे
इंसान ने मिलावट कर डाली
ये कैसी अजब खुदगर्जी है
ईमान में मिलावट कर डाली
जहां सोने चांदी की थी दुनिया
ना सोना रहा ना चांदी रही
पीतल में मिलावट कर डाली
कुदरत ने ..........
जहाँ दूध दही की नदिया थी
पानी में मिलावट कर डाली
ये कैसी अजब खुद गरजी है
इम्मान में मिलावट कर डाली
जहां गंगा यमुना सरस्वती थी बहती
वहां खून की नदिया कर डाली
कुदरत ने ..........

No comments: