Monday, February 1, 2010

हमदम ना मिला

हम हम से गये, हमदम के लिए
हमदम ना मिला, हम सब से गये
हम सब से गए
पर हमदम ना मिला अपने लिए
हमदम की वजह
हम कर ना सके कुछ अपने लिए
कुछ करना चाहा जब हमदम ने मेरे लिए
हम शर्म के मारे कुछ कह ना सके
और अब हमको हमदम मिले
तो क्या मिले
जब दुनिया को हम
अपना हमदम सौप चले

1 comment:

संजय भास्‍कर said...

हम हम से गये, हमदम के लिए
हमदम ना मिला, हम सब से गये

इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....