तुमने ना सुनी कोई बात मेरी
वरना बहुत कुछ बताना था तुम्हे
होठो से ना कह कर दिल से कहना था
तुम ने ना समझा कभी अपना हमें
वरना हर हाल दिल का सुनाना था तुम्हे
हम तड़पते रहें दिल का हाल कहने के लिए
तुम मिले एक बार और हंस के चल दिए
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
3 comments:
swagat hai!
Anek shubhkanayen!
हुजूर स्वागत है सबका गम बांटिए और खुशियां भी शुभकामनाएं हैं । फ़ोंट साईज थोडा बडा करिए और तस्वीरों से सजाईये तो पोस्ट और भी सुंदर बनेगी
अजय कुमार झा
Post a Comment